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आँगन में आले में चावल के प्याले में पौधन पर पेड़न

आँगन में आले में
चावल के प्याले में
पौधन पर पेड़न पे
फुदक फुदक भैया रे
उड़ती गौरैया रे!
जाने किस ओर गई
आँगन पर छो़ड़ गई
घोसले तोड़ गई
सुबुक सुबुक दैया रे!
नन्ही सी जान रही
आँगन की मान रही
जोड़े में गान रही
तुनकी  कन्हैया रे!
थी उड़ती गौरेया रे!!

©Shubhendra Jaiswal #शुभाक्षरी #गौरेया
आँगन में आले में
चावल के प्याले में
पौधन पर पेड़न पे
फुदक फुदक भैया रे
उड़ती गौरैया रे!
जाने किस ओर गई
आँगन पर छो़ड़ गई
घोसले तोड़ गई
सुबुक सुबुक दैया रे!
नन्ही सी जान रही
आँगन की मान रही
जोड़े में गान रही
तुनकी  कन्हैया रे!
थी उड़ती गौरेया रे!!

©Shubhendra Jaiswal #शुभाक्षरी #गौरेया