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ग़ज़ल कुछ जो अपने थे वो आज पराये हो गए । दुनिया की

ग़ज़ल

कुछ जो अपने थे वो आज पराये हो गए ।
दुनिया की भीड़ हम उनसे कही खो गए ।।
वो कहा करती थी, तुम जान हो हमारी,
आज उनकी ही नज़रो में अनजान हो गए ।।
करते थे जो मिलने के लिए बहाने अक्सर,
मुलाकात किये हमसे  जमाने हो गए ।।
हमने भी चाहा था उसे जा से भी ज्यादा,
दस्तूर ए आलम अब हम बेगाने हो गए ।।
सोचा गुजरेगी ख्बाव ए जिंदगी साथ उम्रभर,
 अब पलभर की मुलाकात के फ़साने हो गए।। #भूली बिसरी यादें- chanu meena Anshu hindhi shayari and poems  Srashti....N.S.💞 Beena  Rashmi Nayak  Ashwini chandel
ग़ज़ल

कुछ जो अपने थे वो आज पराये हो गए ।
दुनिया की भीड़ हम उनसे कही खो गए ।।
वो कहा करती थी, तुम जान हो हमारी,
आज उनकी ही नज़रो में अनजान हो गए ।।
करते थे जो मिलने के लिए बहाने अक्सर,
मुलाकात किये हमसे  जमाने हो गए ।।
हमने भी चाहा था उसे जा से भी ज्यादा,
दस्तूर ए आलम अब हम बेगाने हो गए ।।
सोचा गुजरेगी ख्बाव ए जिंदगी साथ उम्रभर,
 अब पलभर की मुलाकात के फ़साने हो गए।। #भूली बिसरी यादें- chanu meena Anshu hindhi shayari and poems  Srashti....N.S.💞 Beena  Rashmi Nayak  Ashwini chandel