मंजिल तो उनकी तकरीबन नजदीक थी हम फिदा हुए उन राहों पे जिनकी नाउम्मीद थी ना पढ़ा था कायदा कभी कमायत का इन नज़रों ने बेनाम गुफ्तगू ना हुए वो दोबारा इसीलिए मौत ही करीब थी Soumya Jain Pratibha Tiwari(smile)🙂