मेरी हर सुबह इसी कश्मकश में गुज़रती है कि मैं उससे बात करूँ या ख़ामोश रहकर घुट ती जाऊँ.. इंतिज़ार करूँ उसके कुछ कहने या करने का.. और मेरी तन्हा रातें एक फ़ैसला सुना देतीं हैं कि उसकी हर एक ज़िद मानकर, ख़ुद को भूल जाऊँ.. वादा करूँ साथ दे कर पल पल मरने का.. #कश्मकश #इंतिज़ार #तन्हा_रातें #घुटन #yqdidi #yqbaba