है मेरा बस निर्धारित नेह लक्ष्य यही, जीवन को अपने सफ़ल और सजग बना पाऊँ, है देखे जो ख़्वाब मेरे अपनों ने मिलकर ने, काश उन सबको मैं साकार बना पाऊँ। चलती जाती हूँ मैं निः स्वार्थ अपने कर्म पथ पर, बिना किसी फ़ल की फ़िक्र किए, मानव जीवन मिला सौभाग्य से, गैरों के काम आये काश ख़ुद को ऐसा बना पाऊँ।। Collab challenge - 6 ➡️ पंक्तिया - 2 - 5 ➡️ समय सीमा - 8:30 am ( 13 June 2021) 👉 इस पोस्ट को हाईलाइट करना ना भूले 👉 इस पोस्ट को लाइक करे 👉 समय सीमा के अंदर रचना प्रस्तुत करें 👉 रचना को पूरा करने के बाद कमेंट बॉक्स में Done कम्मेंट करे वरना आपकी रचना मान्य नहीं होगी