दुख का अंबार है, प्रलय और प्रहार है, समय के कुचक्र में, पटना हो रहा तार तार है, बढ़ती हुई संकट में, आह तक ना करने को तैयार है, ऐ पटना तुझे मेरा सलाम बारम्बार है। पटना फ्लड