हुस्न की जादूगरी ग़म सारे सिमट अल्फाज़ों की हुस्न की जादूगरी से होते जब बयां, एक नूर सा आ जाता है शायरी में जब कलम कोरे काग़ज़ पर चलती है,आ जाता है अक्स हर ग़म ख़ुशी का जब मिलता शायरी को आयाम है। एक कोशिश होती टूट कर बिखरे दिल को जोड़ने की, चल जाता है जादू इस कदर अल्फाज़ की कमी हो जाती है, उत्सुकता ऐसी हर पन्ना चाहता पंख लगा उड़ जाना, आता कभी रोना तो अल्फाज़ को कांधा बना कलम की जादूगरी से छुपा जाती, जाने कितनी दफा टूटती जुड़ती शायरा तरूणा फिर भी अल्फाज़ के हुस्न की जादूगरी कम न होने की कोशिश है करती। 25.हुस्न की जादूगरी 06.05.2021 #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #KKr2021 #kkहुस्नकीजादूगरी #tarunasharma0004 #yourquotedidi