ये वक्त गुजरने तो दो ये शाम ढलने तो दो हाँ माना ग़म का मंज़र है अभी थोड़ा मुझे संभलने तो दो। शबाब-ए-प्याला भरने तो दो थोड़ी मुझे चढ़ने तो दो हाँ माना तन्हा हूँ मैं अभी थोड़ा मुझे संभलने तो दो। कुछ देर मुझे तन्हा ही रहने तो दो उसकी यादों में खोने तो दो हाँ माना जख्म गहरे है अभी थोड़ा उनको भरने तो दो थोड़ा मुझे संभलने तो दो। देखो पता है मुझे ये वक्त गुजर जाएंगा ये शाम भी ढल जाएगी हाँ ये भी मालूम है मुझे वो नही, पर उसकी याद जरूर आयेगी।। #brokenheart #love Lucky Pawar