"इस साल न हो पुर नम आंखे,इस साल वो ख़ामोशी हो। इस साल न दिल को दहलाने वाली बेबस बेहोशी हो। इस साल मुहब्बत की दुनियां में,दिल दिमाग की आंखे हों। इस साल हमारे हांथो में आकाश चूमती पांखे हों। ये साल अगर इतनी मोहलत दिलवा जाए तो अच्छा है। ये साल अगर हमसे हमको, मिलवा जाए तो अच्छा है। चाहे दिल की बंजर धरती, सागर भर आंसू पी जाए। ये साल मगर कुछ फूल नए, खिलवा जाए तो अच्छा है। ये साल हमारी क़िस्मत में, कुछ नए सितारे टाकेगा। ये साल हमारी हिम्मत को, कुछ नई नज़र से आंकेगा। इस साल अगर हम अम्बर से, दुःख की बदली को हटा सकें। तो मुमकिन है कि इसी साल, हम सब में सूरज झांकेगा।। Arjun Singh ❤️ radiotherapist kgmu Lko ©Arjun 007 Love uhhh kgmu...