तू बोली थी भूल जाने को ये हर वक़्त याद दिलाती है क्या करे इस बारिश जो सावन में आ जाती है ।। बोलती है हर एक बूंदे फिर कब मज़्ज़ा उठाओगे कब उनसे तुम मिलोगे प्यासी होठ भगाओगे।। क्या करे इस बारिश का जो हर वक़्त मुझे सताती है तू बोली थी भूल जाने को ये हर वक़्त याद दिलाती है क्या करे इस बारिश जो सावन में आ जाती है ।। अजित आशिकी वाला #NojotoQuote बरसात में तेरी यादे