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तू बोली थी भूल जाने को ये हर वक़्त याद दिलाती है क्

तू बोली थी भूल जाने को ये हर वक़्त याद दिलाती है
क्या करे इस बारिश जो सावन में आ जाती है ।।

बोलती है हर एक बूंदे फिर कब मज़्ज़ा उठाओगे
कब उनसे तुम मिलोगे प्यासी होठ भगाओगे।।
क्या करे इस बारिश का जो हर वक़्त मुझे सताती है
तू बोली थी भूल जाने को ये हर वक़्त याद दिलाती है
क्या करे इस बारिश जो सावन में आ जाती है ।।
 


                                     अजित आशिकी वाला 


 #NojotoQuote बरसात में तेरी यादे
तू बोली थी भूल जाने को ये हर वक़्त याद दिलाती है
क्या करे इस बारिश जो सावन में आ जाती है ।।

बोलती है हर एक बूंदे फिर कब मज़्ज़ा उठाओगे
कब उनसे तुम मिलोगे प्यासी होठ भगाओगे।।
क्या करे इस बारिश का जो हर वक़्त मुझे सताती है
तू बोली थी भूल जाने को ये हर वक़्त याद दिलाती है
क्या करे इस बारिश जो सावन में आ जाती है ।।
 


                                     अजित आशिकी वाला 


 #NojotoQuote बरसात में तेरी यादे