जो ना बोला था कभी, आज बोलूंगा सही, कुछ कह ना पाया कभी जिसे, शब्दों का बांध खोलूंगा सही, नखरे हजार, रहता है वो गंगा उस पर, है वो दुलारा मा का , अपने पापा का पुरा संसार, कोई और नहीं वो शक्स ये दोस्तो, है मेरा छोटा भाई , मेरा पक्का यार। है मुझसे छोटा, लेकिन फरमाइशे उसके साढ़े हजार, करता है गलती सदा, और लगती उसे हमेशा मासी के बेलन की मार, फिर भी है वो ये मेरा छोटा भाई, मेरा पक्का यार। पढ़ने में है थोड़ा कच्चा , कारण उसके दोस्त चार, ना करू मैं एक भी बात किसी से, पर रहती है मेरी ख़बर लाखो हजार, कुछ भी कहो वो ही मेरा संसार, मेरा छोटा भाई , मेरा पक्का यार। written by:- ©sheru savarkar singh #Brother_Love Family