मैंने कभी कहा नहीं, लेकिन में फिर फिसला! फैसला करे की थोड़ा और आगे बढ़ लु फासलें बढ़ते गए.. फसलों के पकने कि आरजू में अब ये बूढ़ा इतना बढ़ चुका है बेटे! गाफिल तेरी छुक छुक (गाड़ी) और मेरी धक धक सुनने की औकात नही है बस! #hamariadhurikahani #फिसला#फैसला#फ़सले#फासलें #छुकछुक#धकधक