क्या हमारे सारे सवालों के जवाब हमारे खुद के अस्तित्व मे खुद ही के भीतर कहीं छुपे हैं। और अगर ऐसा हैं तो उनका जवाब प्राप्त कैसे किया जायें? आयुष पंचोली ©ayush_tanharaahi #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual क्या हमारे सारे सवालों के जवाब हमारे खुद के अस्तित्व मे खुद ही के भीतर कहीं छुपे हैं। और अगर ऐसा हैं तो उनका जवाब प्राप्त कैसे किया जायें? हाँ यह बिल्कुल सत्य हैं, की हमारे सारे सवालों के जवाब, सभी समस्याओं का हल कहीं ना कहीं, हमारे ही अस्तित्व की उन गहराईयौं मे छूपा हैं, जहां हम पहुच नही सकते या यूँ कहें पहुचना नही चाहते। क्योकी हमारे जीवन मे अर्थात् आपके जन्म लेने के बाद से,कितनी ही घटनाए ऐसी घटित होती हैं, जो हमारे मन और मस्तिष्क पर बहुत गहरी छाप छोड़ती हैं। उनमे से कुछ घटनायें हम भुला देते हैं, और कुछ याद रखना चाहते हैं, और कुछ तो ऐसी होती हैं, जो भुलाये से भी भूलती नही। मगर असल मायनो मे ऐसा हैं ही नही। हमारे जीवन मे घटित होने वाली हर एक घटना, किसी ना किसी याद के रूप मे हमारे मस्तिष्क मे कहीं ना कहीं सदा के लिये सुरक्षित हो जाती हैं। या यूँ कहे की किसी जगह store हो जाती हैं। जिसे साइंस की भाषा मे, hippocampus कहते हैं । और इसमे भी खास बात यह हैं की, यहां वह चीजे जो आपने प्रत्यक्ष देखी हैं, जिनका सम्बंध आपसे किसी ना किसी तौर पर रहा हैं, वह सुनी हुई बातों की अपेक्षा ज्यादा सचेत अवस्था मे रहती हैं। और जब उससे सम्बंधित कोई वैसा ही क्रियाकलाप हमारे सामने घटित होता हैं, तो वह हमें फ़िर याद आ जाती हैं। अब अगर आप देखे तो यही घटनायें हमारे जीवन को किसी ना किसी रूप मे परिवर्तित करती हैं। और जब व्यक्ति अपने ही जीवन मे इतना व्यस्त हो जाता हैं, की वह दिमाग और शरीर को आराम भी पुर्ण रूप से नही दे पाता तो यह सब घटनायें उसके unconscious mind मे चली जाती हैं। Unconscious mind दिमाग का वह हिस्सा होता हैं, जो अगर conscious हो जायें तो कोई भी व्यक्ति, अपने आप पर , अपनी सोच, अपने विचारो पर पुर्ण नियंत्रण कर लेता हैं, और इस unconscious mind मे एक बिंदु पर हमारे शरीर की सारी की सारी नसे जाकर मिलती हैं, जिनमे से भी तीन प्रमुख हैं, जिन्हे इड़ा, पिंगला और सुषुम्ना कहते हैं, और जहां यह तीनों मिलती हैं उस भाग को आध्यत्म की भाषा मे बृम्हरन्ध्र कहते हैं। इड़ा का अर्थ हैं, धरती।