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इंसान कितना भी घूम ले इस जहां में मिलती उसको पहचा


इंसान कितना भी घूम ले इस जहां में
मिलती उसको पहचान अपने घर से है
लौट कर एक दिन उसको आना अपने घर है
इंसान रूपी शरीर को छोड़ मिट्टी के घर में एक दिन मिल जाना है नमस्कार लेखकों! ✨

अप्रैल का महीना कविता लेखन के लिए मशहूर है इसलिए इस महीने में हम आपको रोज़ एक विषय देंगे जिस पर आपको अपनी काव्य की संरचना करनी है।

हमारा आज का #rznapowrimoh28 के साथ collab करें और अपने शब्दों द्वारा कविता अभिव्यक्ति कर मौका पाएं रेस्ट ज़ोन से एक ख़ास टेस्टीमोनियल पाने का! ❤️

समय सीमा : 29 अप्रैल, सुबह 9:30 बजे तक।

इंसान कितना भी घूम ले इस जहां में
मिलती उसको पहचान अपने घर से है
लौट कर एक दिन उसको आना अपने घर है
इंसान रूपी शरीर को छोड़ मिट्टी के घर में एक दिन मिल जाना है नमस्कार लेखकों! ✨

अप्रैल का महीना कविता लेखन के लिए मशहूर है इसलिए इस महीने में हम आपको रोज़ एक विषय देंगे जिस पर आपको अपनी काव्य की संरचना करनी है।

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