हर किसी को खुश करने चली थी मैं, आज दुखो की हक़दार हो गयी मोहब्बत समझी थी जिसे मैंने वो नफरत की हिस्सेदार हो गयी गलत हूँ मैं आज इस बात पर एतबार कर रही हूँ छोड़ रही हूँ अब साथ सबका तन्हाई के साथ बिखर रही हूँ गिले शिकवे जो भी हैं मुझसे सब आकर मुझे बता दो, बहस नहीं करूंगी अब किसी से जिसको जितना सताना है सता लो, ©शताक्षी #feelingstowords #loneliness_kills #lovetohate #silencespeaks #writersofindia #escriptor_trodde