जिक्र तेरा अपने लफ्ज़ों में,हर बार करूँगा कभी सुबह करूँगा,कभी शाम करूँगा शौक तो नहीं है,जज़्बातों की नुमाईश का हमें तुम्हें जो पसंद है,उसी जरिये से बात करूँगा रूह तो रंगी थी,अब शब्दों को भी रंग लिया है कभी ख्वाबों में भी मिले तो,इश्क बेशुमार करूँगा सुकून सा मिलता है,तुम्हें सोचने से भी हमें तुम्हें ही गँवाया था,तुम्हें ही आबाद करूँगा जरूरी नहीं है इश्क मेरा,तुम्हें दिखाई दे तुम हाथ दिल पे रखना,मैं आवाज करूँगा आदत लगी है तुम्हारी,पता है ख़ुदा तुम नहीं हो सलामत रहे दुनिया तुम्हारी,यही फ़रियाद करूँगा... ©abhishek trehan www.therealdestination.com #जिक्र #इश्क़ #yqdidi #yqbaba #lovestory #brokenheart #हरबार #manawoawaratha