कोई काम छोटा या बडा नही, जिस काम मे रस आ जाये वो काम बडा! अगर सम्राट बनने मे रस ना आये तो समान्य व्यक्ति बनना कई गुना बेहतर है क्यो की सामान्य व्यक्ति अपने कर्म को प्रतिष्ठित कर सकता है. कुछ होना पर्याप्त नही है बल्कि कुछ भी होकर अपने आप मे एक मूल्य होना मूल्यवान है! P.Ram खुद की कीमत