'राष्ट्रीय बालिका दिवस' पर लिखित दोहा होती है जी बालिका, लक्ष्मी का ही रूप। क्यों मारें हम गर्भ में, जो है बहुत अनूप।।१९।। विनय कुशवाहा 'विश्वासी' देवरिया (उत्तर प्रदेश) #राष्ट्रीय_बालिका_दिवस #विश्वासी