इश्क ए दौर में जो पाया वो अंदाज मुक्कमल करती हूँ जाना आपकी हर पसंद का कुछ यूँ ख्याल करती हूँ... "सुकुन" नाम को जबसे "करार" ने जोड लिया हैं खुशी से खिले फुल सी तरोताजा आजकल होती हूँ... जबसे आपके इश्क को मैने कबुल किया हैं जाना चेहरे की बदलती रंगत में और भी बवाल लगती हूँ... कहकर बुरा भला,रूठकर आपसे खुश मैं भी तो नहीं पढ़ लिया करो ना आंखे,जहां हजारो सवाल रखती हूँ... पिछली दफा हरे को पाकिस्तानी ठहराया था आपने और तो नाखुनो को जाना अब सिर्फ लाल ही रंगती हूँ... जिस गीत को मुहं से आपके सुन चिड से जाते हम अक्सर आपकी गैरमौजुदगी मे गुनगुना कर बेहाल होती हूँ... क्यों टॉम बॉय को अदब सी लडकी का भेष बना दिया लेकिन कैसे कहुं मैं इश्क में कैसे बेअदब सी चाल होती हूँ... मन मुताबिक आजकल मान लेते हैं आपकी हर बात जींस छोड़ साडी पहन मंद मुस्कन लिये बाल सवांरती हूँ... आपकी लेखनी में टूटे दिल का मुझे ज़िक्र नही भाता मेरे नही तो मेरे क्यों हो रहे,और फिर तंग हाल रो पडती हूँ... बताओ ना जाना मैं ठीक हूँ या दिल नासाज मेरा समझदार बेटू हूँ या इश्क में आपके पागल हो जाती हूँ... #karar #sukun