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काश कि कभी समझा होता तुमने मुझे तो ये नौहबत ना आती

काश कि कभी समझा होता तुमने मुझे तो ये नौहबत ना आती,
हमारे चेहरे से यू पल भर मै ही मुस्कुराहट ना जाती,
अगर दिल मे हो तो संजोये रखना नही हो तो निकाल फेंकना हमारी यादो को,
लेकिन अगर समझा होता अहसासों को तो जीते-जी हमें शायद यू मौत ना आती। My first Shayri on Nojoto😊
काश कि कभी समझा होता तुमने मुझे तो ये नौहबत ना आती,
हमारे चेहरे से यू पल भर मै ही मुस्कुराहट ना जाती,
अगर दिल मे हो तो संजोये रखना नही हो तो निकाल फेंकना हमारी यादो को,
लेकिन अगर समझा होता अहसासों को तो जीते-जी हमें शायद यू मौत ना आती। My first Shayri on Nojoto😊