जिसे देखो ईश्क़ का तलबगार बैठा है, गुनाह-ए-ईश्क़ करने को तैयार बैठा है, सुना है हाल सभी ने शीरीं-फरहाद का, दीवाना फिर भी मिटने को तैयार बैठा है, हर तरफ पतंगा हुऐ बैठे है मर्ज-ए-ईश्क़ में, परवाना शमा का जलने को तैयार बैठा है, सुना था जाम-ए-उल्फ़त का नहीं यूँ आसां, फ़िर भी गोशा-ए-दिल मे मकाँ दिए बैठा है, पता है 'कुमार' नहीं है ये रोग बस का मिरे, ख़ुद ही ख़ुद से फ़ना होने को तैयार बैठा है, — Kumar✍️ ©Kumar #freebird #nojotowriters indira Nitukumari 💎motivational_abdulla🇮🇳✍️ सुुमन कवयित्री #नोजोतोहिन्दी #नोजोतोकोट्स