बचपन और पिटाई माँ तेरी हाथों की पिटाई और डांट आज बहुत याद आई, आज गलतियां करने पे तेरी जैसी सिख कोई और नही सीखा पा रहा है मुझे? (अकबर हुसैन) माँ तेरी वो डाँट-पीटाई