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(International Sex Workers Day 02 June) पहली रात,

(International Sex Workers Day 02 June)
पहली रात,
जिसके बाद समाज उसे वैश्या कहता हैं...!

रात...

रात भर मेरी आबरू को,
अनजान की आगोश में बिखरता देखा..

जब होश में आए,
तो वक़्त को हथेली से फिसलता देखा..

जो बात महफ़ूज़ थी जमाने से,
उस रोज़ मेरे दामन को सरकता देखा...

मेरी एक आह से, मैं खुद सहम जाऊं,
उस रात बिस्तर पर मेरे दर्द को सिसकता देखा...

बेबस और मायूस मेरे दिल-ए-जज़्बात थे,
जब सुबह की रोशनी में आईना देखा...

©Sandeep Manohar Kothar (International Sex Workers Day 02 June)

दोस्तों,

२ जून पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय यौन कर्मी दिवस के रूप में बनाया जाता हैं। यौन कर्मियों के अधिकारों के बारे में समाज को जागरूक करना, उन्हें भी समाज में सम्मान का जीवन जीने के अवसर प्रदान करना, ऐसे उद्येश्यों के साथ इस दिवस को   यौन कर्मी अधिकार दिवस भी कहां जाता हैं। 

इसी दिवस को एक सदर्भ के रूप में लेते हुए, जब एक लड़की को इस व्यवसाय में झोका जाता होगा, तब एक अनजान के साथ बिताई पहली रात का दर्द कुछ पंक्तियों में रखने का प्रयास किया हैं..!
(International Sex Workers Day 02 June)
पहली रात,
जिसके बाद समाज उसे वैश्या कहता हैं...!

रात...

रात भर मेरी आबरू को,
अनजान की आगोश में बिखरता देखा..

जब होश में आए,
तो वक़्त को हथेली से फिसलता देखा..

जो बात महफ़ूज़ थी जमाने से,
उस रोज़ मेरे दामन को सरकता देखा...

मेरी एक आह से, मैं खुद सहम जाऊं,
उस रात बिस्तर पर मेरे दर्द को सिसकता देखा...

बेबस और मायूस मेरे दिल-ए-जज़्बात थे,
जब सुबह की रोशनी में आईना देखा...

©Sandeep Manohar Kothar (International Sex Workers Day 02 June)

दोस्तों,

२ जून पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय यौन कर्मी दिवस के रूप में बनाया जाता हैं। यौन कर्मियों के अधिकारों के बारे में समाज को जागरूक करना, उन्हें भी समाज में सम्मान का जीवन जीने के अवसर प्रदान करना, ऐसे उद्येश्यों के साथ इस दिवस को   यौन कर्मी अधिकार दिवस भी कहां जाता हैं। 

इसी दिवस को एक सदर्भ के रूप में लेते हुए, जब एक लड़की को इस व्यवसाय में झोका जाता होगा, तब एक अनजान के साथ बिताई पहली रात का दर्द कुछ पंक्तियों में रखने का प्रयास किया हैं..!