ऐ!खुदा इस ईद मिरी इबादत को मुकम्मल कर देना, हो कोई अफसुर्द तो उसके चेहरे को रौनक से भर देना, रहे न कोई तेरा बंदा वंचित किसी खुशी-ए-बहार से , सभी के दिलों में आपसी स्नेह और प्यार भर देना, ऐ!खुदा के बंदे, दिलों से रंज निकाल त्योहार संग मना लेना, हर दिन भाईचारा निभा,राग,द्वेष मन से ज़रा निकाल देना, इस ईदी कुछ नही चाहिये,बस एक दुजे के गले मिल जाइये, इस पावन त्योहार पर पाक रूह से पाक रिश्ता बनाइये, अल्लाह, ईश्वर सब एक हैं।कृपया किसी धर्म को न बाँटिये, ऐ!खुदा हम तेरे शिशुजन हैं,गर हो कोई गुनाह तो हमें माफ करिये। 🎀 Challenge-282 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 ईद की हार्दिक शुभकामनाएँ 🎀 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।