वो हमारे लिए अपनी जिंदगी से हारे थे, वो सब भी किसी मां-बाप के दुलारे थे। मां-बाप के आंसुओं का मोल अब कौन चुकायेगा? कौन उनका बेटा बनकर उनके पास वापस आएगा? दिल के टुकड़े को जब टुकडे-टुकडे देखा था, मां-बाप का कलेजा उस दिन बहुत दहका था। बहन की उस राखी के कर्जे आज भी हम पर रहते है, भाई की याद में अक्सर उसकी आंखो मे आंसू बहते हैं। ------------------आनन्द ©आनन्द #आनन्द_गाजियाबादी #पुलवामा #पुलवामा_शहीद_दिवस #पुलवामा_अटैक #पुलवामा_शहीदो_को_नमन #Pulwama #pulwama_attack #Anand_Ghaziabadi