"ए मरदे का होई।" "काहे कुच्छो बतईले ना का।" "हॉफ पैंट वाली लड़की" पूरी रचना अनुशीर्षक में पढ़ें। #NojotoQuote "हॉफ पैंट वाली लड़की" "ए मरदे का होई।" "काहे कुच्छो बतईले ना का।" प्रश्न का उत्तर ना देते हुए एक हृदयविदारक प्रश्न हमारे प्रगाढ़ मित्र गौरव ने हमीं से पूछ लिया। हम क्या जवाब देते कि,अंदर कितनी बेइज्जती हुई।वैसे एक बात बताएं गौरव हमारे अंतर्मन की बात जान लेता है।उ हमारा खास मित्र है ई बात केवल हम नहीं कहते हैं।ई बात सारी फैकल्टी जानती है। बात प्रथम वर्ष प्रथम सत्रांश के अंतिम दिनों की है।संकाय द्वारा राजभाषा,देवभाषा,प्राचीन भारतीय इतिहास तथा संस्कृति एवं पुरातत्व व आंग्ल भाषा जबरदस्ती की भाषा के रूप में प्रदत्त थे। राजभाषा के तो क्या कहनें!राजभाषा मतलब समझ रहे हैं न,मतलब कि हिंदी।कक्षाएं सुचारू रूप से तो नहीं पर चल रही थी,हम परंपरा के बारे में जान रहे थे,हम अपनी हिंदी के बारे में जान रहे थे,इतिहास पढ़ने में तो आनंद के साथ साथ आनंद का बाप भी आ रहा था।आंग्ल भाषा मतलब एबीसीडी नहीं बल्कि कुछ कविताएं और कहानियां अंग्रेजी में थी।