युवा, किसी भी देश के विकास के लिए, किसी भी देश की पहचान के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार और महत्वपूर्ण ताक़त होती है युवा पीढ़ी। हमारे देश ने तो कई महान युवाओं को देखा है जिसमें भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफ़ाक़ उल्लाह खान ,उधम सिंह जैसे युवा भी है जो देश के लिए शहीद हो गए, श्रीनिवास रामानुजम और सत्येंद्र नाथ बोस जैसे महान गणितज्ञ और भौतिक विज्ञानी भी हुए। लेकिन बात है आज के युवाओं की हमारे पुर्वजों और बुज़ुर्गों ने तो हमें एक आज़ाद, बेहतर और रहने योग्य देश दे दिया जो समय के साथा आगे बढ़ा जिसमें काफ़ी बदलाव आए और विकास की पटरी पर भी काफ़ी तेज़ी दौड़ रहा है लेकिन बात है कि मौजूदा समय में युवाओं को देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी थोड़ी सी और समझने की जरूरत है अगर वर्तमान उदाहरण लेकर देखे तो जिन युवाओं ने प्रोटेस्ट के नाम पर देश की संपत्ति और एकता को नुकसान पहुँचाया वो कहाँ तक जायज़ है? अपनी आवाज़ उठाना जरूरी भी है और तारीफ़ योग्य भी लेकिन आवाज़ के साथ हाथ में पत्थर और माचिस उठाना जायज़ नहीं हो सकता। और दूसरी तरफ़ आवाज़ उठाने वालों की आवाज़ को दबाना भी क्या जायज़ है जो युवा किसी भी चीज़ या विषय के समर्थन में है या विरोध में हैं उनको एक दफ़ा उस चीज़ को जानना और समझना चाहिए और ऐसे युवा जो न समर्थन में ना ही विरोध में है या यूं कहें जो अनभिज्ञ बने हुए है उनको तो सबसे ज़्यादा जरूरत है की वो देश को समझे ,जाने की देश में क्या चल रहा है थोड़ा सा वक़्त कम से कम अखबार को तो दे ही सकते है उन्हें कम से कम जीडीपी, महंगाई, NRC,CAA, CAB के बारे में बेसिक जानकारी होना तो जरूरी है। सिर्फ प्रोफेशनल डिग्री लेकर किसी अच्छी कंपनी में नौकरी लग जाने पर घर बसा लेना अच्छी बात है क्योंकि अच्छे जीवन पर सबका हक़ है लेकिन सिर्फ यहीं आपका कर्तव्य नहीं है आपका कुछ कर्तव्य देश में हिस्सेदारी का भी है देश के अच्छे या बुरे हालातों पर राय रखना भी आपका काम है और ये सोच कर पीछे हटना भी ग़लत है कि मेरे अकेले सोचने या करने से कुछ नहीं होगा। थोड़ा समय निकालिए नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम, TVF, यूट्यूब से बाहर भी एक दुनिया है जहाँ न जाने कितनी सीरीज औऱ फिल्में रोज़ चलती है और अपनी जिम्मेदारी से सिर्फ़ ये कहकर मत बचिये की हम तो एक सुई ख़रीदते है तो उसमें भी टैक्स देते है और इसी टैक्स के रुपये से देश का विकास होता है इस तरह से तो सरकार भी सिर्फ कुछ बेसिक काम करके चीज़ो को छोड़ दे और कह दे कि हमने सड़के बनवा दी ,अस्पताल बनवा दिए बस हमारा काम खत्म । और काम से कम चुनाव के समय वोट डालने तो जान ही चाहिए भले ही दूसरे शहर में ऑफिस होने के कारण छुट्टी ही क्यों न लेनी पड़े क्योंकि त्योहार पर या साल में1-2 दफ़ा घूमने के लिए छुट्टी लेना अगर अच्छा है तो वोटिंग के समय छुट्टी लेना भी बुरा नहीं है क्योंकि अपने मताधिकार का प्रयोग न करके कहीं न कहीं आप सरकार से सवाल करने का हक़ भी खो देते है।तो थोड़ा ख़ुद को आज़ादी दो देश के लिए देश कुआं नहीं है देश महासागर है इसकी कुछ बूंदों का आनंद तो लीजिये अच्छा लगेगा। बाकी देश तो चल ही रहा है 130 करोड़ है हम और एक हाथ की सभी उँगलियाँ एक समान नहीं होती है ये भी सत्य है। youth responsibility Nation #Youth #Nojotoapp #Quotes #Inspiration #Writing