बिकता है और बिका हुआ अखबार दिया जाएगा, सिंहासन जैसा चाहेगी, समाचार दिया जाएगा। देते हो लाभ खादी को,पर जिस दिन तुम नासुर बने, गाड़ी पलटेगी, तुम भागोगे, मार दिया जाएगा। तुम जनता को मारो ना,उनको कुछ परवाह नहीं। गर खाकी को छुआ भी, उजाड़ दिया जाएगा। गर दफन तुम्हारे सिने में है राज सभी सियासत के, भागो भागो अब तुमको भी गिरफ्तार किया जाएगा। सत्य कहीं पर दफ़न हुआ,है कलम कही पर बिकी हुई। गर कलम तुम्हारी सच बोलें, विचार किया जाएगा। ✍️प्रतिहार॥ #InspireThroughWriting #विकास_दुबे