दोस्तों छोड़ कर इन गलियों , तुम किधर जाओंगे , लूट लेगा यें शातिर जमाना , तुम जिधर जाओंगे !! आसां नहीं होता यूं ही किसी पे यक़ीन करना , यारा अपनों से बिछड़ कर, तुम बिखर जाओंगे !! वक़्त रहते बदल जाना हीं बेहतर है यें दोस्त , वरना हर किसी के दिल से, तुम उतर जाओंगे !! दूर की रंगीनियां तो लगती हैं सुहानी हमेशा हीं , मगर परखोगे क़रीब जा कर, तो सिहर जाओंगे !! जाने को चलें जाओंगे कौन रोकेंगा तुम्हें "यारों", पर न मिलेंगी मोहब्बत ऐसी , तो सुधर जाओंगे ।। #दोस्तों_की_महफ़िल #गलियों #लुटा