कभी-कभी मन में ख्याल आता है परिंदों सी होती है बेटियों की ज़िन्दगी क्युकी परिंदों की तरह ये भी पिंजरे में रहा करती है कभी संस्कार की तो कभी माँ पापा के सम्मान की बेड़ियों में बंधी रहा करती है ना मायका ना ससुराल कोई घर नहीं होता है इनका पर फिर भी हर जगह अपना फर्ज निभाती है परिंदों सी होती है बेटियों की ज़िन्दगी कभी अपनी मर्जी से जी नहीं पाती है ©Shweta Sharma#Dora #parindon_si_hoti_hai #betiyon_ki_zindagi #Dora✍️✍️