गिला शिकवे रब से न किए जाए,खुशियों की बातों को जब अनसुना किए जाए। दस्तूर-ए-जिंदगी हैं इन लम्हो का आना फिर क्यों चिंता किए जाए।। रूठने पर खुदा खुद ही चले आते हैं जब तुम खुद ही को मनाने लगते हो। मनाने के इंतजार में जो मना रहा है तुम,उसे आईने में क्यों नहीं देखते हो।। गम-ए-खुशियों का आना जाना तो लगा रहेगा। सिक्के के इन दो पहलुओं को जब-जब उछाला जाएगा।। दर्द ए दिलों को शब्दों में कहने की जो आरजू हैं। शब्दों से ही समझ जाए, इतनी कहां त्वज्जु हैं।। एक बात कहु सिक्कों के इन पहलुओ में में न जिया। इन सिक्कों का एक तीसरा पहलू है जिनमें मैं हूं जिया।। गम-ए-खुशियों का आना जाना तो लगा रहेगा। सिक्के के इन दो पहलुओं को जब-जब उछाला जाएगा।। #dairy #love #motivation #inspiration #yqbaba #yqdidi #yqhindi #writer