सपनों का संसार हमारा हो, स्वर्ग से सुन्दर संसार हमारा हो। हर दिल का ख़्वाब यही, धरा पर आसमां का रूप निराला हो।। खुशियां पले हमारे आंगन में, चांद सितारों के जैसी बात हो। राग, द्वेष, बैर मिटा, प्यार, मोहब्बत, की दिल से मुलाकात हो।। बसंत ऋतु बहार हो, नदियों के जल की स्वच्छ कल कल धारा। मस्त मगन हो झूमे नाचें यहां, कोयल की मधुर आवाज़ सुनहरा।। प्रकृति की गोदी में बसा, हमारे ख्वाबों को आशियाना हो। फूलों सी महकती वादी हो, जिसका मोहक रूप सुहाना हो।। 👉 ये हमारे द्वारा आयोजित प्रतियोगिता संख्या - 12. है, आप सब को दिए गए शीर्षक के साथ Collab करना है..! 👉 आप अपनी रचनाओं को आठ पंक्तियों (8) में लिखें..! 👉Collab करने के बाद Comment box में Done जरूर लिखें,और Comment box में अनुचित शब्दों का प्रयोग न करें..! 👉 प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम समय सीमा कल सुबह 11 बजे तक की है..!