#WorldEnvironmentDay हम जीत जाएंगे बेशक जंग कोरोना से मगर क्या अपने अंतर्द्वंद से जीत पाएंगे? प्रकृति ने जो सहा है अघात अपने हृदय पर क्या घाव उसके नासूर बनने से पहले भर पाएंगे? इस जंग के कायदे कानून बहुत पृथक है, जीतेगा वही जो दुनिया से अलग है, साथ साथ चलने वालों का हाथ छूट रहा है ओढ कर हवा का चादर दुश्मन हम पर टूट रहा है। हर चोट पर एक आह निकलती है आत्मा से चाहे वह प्राणी मात्र हो या प्रकृति पर आघात हो फिर करें तो गणना कैसे प्रकृति के आघात का सहना ही पड़ेगा हमें यह बोझ महा प्रपात का ।। जिससे सुगंधित वातावरण, जिसने मधुर कलरव सुनाया जिसने भरा निष्प्राण जीवन, जिसने प्रतिपल अमृत पिलाया समृद्धियों की होड़ में क्यों वरदान सारे भूल बैठे सरल सहज जीवन की लड़ी कठिनाइयों से जोड बैठे करते रहे हम खोकला उसकी ही जड़ों को जिस से जुड़ा है जीवन, जो धरा की प्रथम पहचान है चंद कीमती पत्थरों की खातिर धरा पर मत प्रहार करो गर जीवन से तनिक भी प्यार है तो प्रकृति से भी प्यार करो।। ©Chitra Gupta #World environment day