जब जब खुशियाँ माँगी मैंने बस काँटे ही डाले तुमने प्रभु!! जितना मैं मजबूर हुआ अब उतना कोई और भी है क्या ? खैर, जाओ बाँटो उन्हें जिन्हें जरूरत है तुम्हारी मैं फिर भी सदा तुम्हारा हूँ मेरे सिवा तुम्हारा कोई और भी है क्या ? ©Harishh,,,,, In love with krishnaa❣️ हिंदी कविता