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जब जब खुशियाँ माँगी मैंने बस काँटे ही डाले तुमने प

जब जब खुशियाँ माँगी मैंने
बस काँटे ही डाले तुमने
प्रभु!! 
जितना मैं मजबूर हुआ अब
उतना कोई और भी है क्या  ? 

खैर,
जाओ बाँटो उन्हें
 जिन्हें जरूरत है तुम्हारी
मैं फिर भी सदा तुम्हारा हूँ
मेरे सिवा तुम्हारा
 कोई और भी है क्या  ?

©Harishh,,,,, In love with krishnaa❣️
 हिंदी कविता
जब जब खुशियाँ माँगी मैंने
बस काँटे ही डाले तुमने
प्रभु!! 
जितना मैं मजबूर हुआ अब
उतना कोई और भी है क्या  ? 

खैर,
जाओ बाँटो उन्हें
 जिन्हें जरूरत है तुम्हारी
मैं फिर भी सदा तुम्हारा हूँ
मेरे सिवा तुम्हारा
 कोई और भी है क्या  ?

©Harishh,,,,, In love with krishnaa❣️
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krishnaaharish3666

Harishh,,,,,

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