White बहुत टूटा हुआ लाचार हूँ, वफ़ा-बेवफ़ा का उपहार हूँ ! बैठ कर कोने में कहीं, रो रहा जार-जार हूँ ! चिढ़ते हैं हमारे नाम से सब, ख़ुद ही हवस का शिकार हूँ ! अब तो बस किताबों में ही मिलता हूँ, जी हाँ मैं वही ईश्क़-मोहब्बत-प्यार हूँ ! ~Vishwa ©broken heart(analystprakram) #good_morning