ये मेरे नूर के चांद अब तो नजर आजा कब से तेरी चांदनी इंतजार कर रही क्यू इतना सताता है क्यूं नजर नहीं आता है कभी तो जमी पर उतर कभी तो हम से आकर मिल माना तूझे काम बहूत है माना तूझे याद हमारी आती नहीं पर क्या तूझे सकून मिल रहा है ना सता तू अब और ना सता अब तो नजर आ देख कैसे में मर रही #Sumitra kumari ©Vijay Kumar #रात कि बात