लगता नहीं है दिल मिरा उजड़े दयार में बहादुर शाह ज़फ़र ( पूरी ग़ज़ल अनुशीर्षक में पढ़ें ) #NojotoQuote Bahadur Shah Zafar Shayari बहादुर शाह जफर शायरी हिंदी में लगता नहीं है दिल मिरा उजड़े दयार में किस की बनी है आलम-ए-ना-पाएदार में कह दो इन हसरतों से कहीं और जा बसें