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नहीं है मुन्हसिर इस बात पर यारी हमारी । कि तू नाहक

नहीं है मुन्हसिर इस बात पर यारी हमारी ।
कि तू नाहक करता रहे तरफदारी हमारी ।

मगर अच्छा तो ये होता कि हम इक साथ रहते ।
भरी रहती तेरे कपड़ों से अलमारी हमारी ।

# jawad sheikh#

©Azeem Khan 
  #jawad sheikh poetry#
नहीं है मुन्हसिर इस बात पर यारी हमारी ।
कि तू नाहक करता रहे तरफदारी हमारी ।

मगर अच्छा तो ये होता कि हम इक साथ रहते ।
भरी रहती तेरे कपड़ों से अलमारी हमारी ।

# jawad sheikh#

©Azeem Khan 
  #jawad sheikh poetry#
azeemkhan5403

Azeem Khan

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