मिलना जुलना तुम्हारे लिए रस्म है साहब, हमारे लिए तो जीने का तरीका है, तुम्हारे कागज के टुकड़ों का वजन हमारी चमक, के सामने फीका है। #Sobbersoulwrites मिलना जुलना तुम्हारे लिए रस्म है साहब, हमारे लिए तो जीने का तरीका है, तुम्हारे कागज के टुकड़ों का वजन हमारी चमक, के सामने फीका है। #Sobbersoulwrites