रिश्तें और आशाएँ रिश्तों में जो आशाएँ हो तो अच्छा, गर आशाऔं से रिश्तें बने तो रिश्ता कैसा, आशाऔं भरी रिश्तों में रिश्ता स्वयं ही आशातीत, जड़-चेतन क्या इन रिश्तों में मतलबी रिश्तें कयी प्रकार, रिश्तों में जो हो आशाएँ, निंस्वार्थ भाव से रिश्तों में प्रेम का जिसने भी गाया गाना, श्री सुख-सागर का जीवन में गुंथ दिया उसने ताना बाना, बदल दिया रिश्तों में आशाऔं का धरकर रूप नाना, रंग दिया हृदय को स्वर्ण-पात से जिसने सुधि-विहाना (विहान), रिश्तों में आशाएँ हो तो अच्छा, गर आशाऔं से रिश्तें बने तो रिश्ता कैसा। #nojotoApp #nojotohindi #Decemberchallenge #Day17 #poetry #sintu_tiwary