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मैं वहीं मिलूंगा तुमको वो जो मेरे ढाई साल तुमने ग

मैं वहीं मिलूंगा तुमको

वो जो मेरे ढाई साल तुमने गुज़ारे थे
वो जो उन लम्हों में हम साथ साथ रहे थे
वो जो हर दिन तुमको देखने की तमन्ना थी
वो जो मेरे भीड़  भाड़  की कॉलेज की जिन्दगी में
तुमसे नज़रों में कुछ कहने की तमन्ना थी
वो तुम्हारे चेहरे पर तुम्हारी जो धड़कने आती थीं
वो जो तुम मुझसे खामोशी में कहना चाहतीं थीं
वो जो इक मिठास सी आती थी तुम्हारी मुस्कुराहट से
वो जो तुम्हारे हर सूट का रंग मुझे याद हो जाता था
वो जो तुम घर पहुंच कर हर रोज़ फ़ोन करतीं थीं
वो जो तुम देर रात तक मेरी खबर लिया करतीं थीं
वो जो तुम बताती थीं कि ज़िन्दगी कितनी कठिन है
वो जो उस ज़िन्दगी में तुम मुझे अपना बतातीं थीं

सच बताऊँ...

तो मुझे अपनी ज़िंदगी का सबकुछ उन्हीं पलों में मिल गया था
वो ढाई साल जिनमें तुम मेरी थीं, उनमें अब किसी और की नहीं हो सकतीं 
उन्हीं ढाई  साल के हर एक पल को धीरे धीरे रोज़ बिताता हूँ
ज़िन्दगी भी फुरसत दे और तुम्हारे अपने कभी तुम्हें इजाज़त दें
तो लौट कर इन्हीं ढाई  सालों में आ जाना, तुम गुलाबी सूट पहन के 
मैं काली शर्ट पहन कर तुम्हारा वहीं इंतज़ार करूँगा जहां हम कुछ कदम चले थे
क्योंकि एक वही समय है जहां मैं तुम्हारा हाथ पकड़ कर चल सकता हूँ बेफिक्र
क्योंकि 
कभी आना.... मैं वहीं मिलूंगा तुमको....

PraveeN
मैं वहीं मिलूंगा तुमको

वो जो मेरे ढाई साल तुमने गुज़ारे थे
वो जो उन लम्हों में हम साथ साथ रहे थे
वो जो हर दिन तुमको देखने की तमन्ना थी
वो जो मेरे भीड़  भाड़  की कॉलेज की जिन्दगी में
तुमसे नज़रों में कुछ कहने की तमन्ना थी
वो तुम्हारे चेहरे पर तुम्हारी जो धड़कने आती थीं
वो जो तुम मुझसे खामोशी में कहना चाहतीं थीं
वो जो इक मिठास सी आती थी तुम्हारी मुस्कुराहट से
वो जो तुम्हारे हर सूट का रंग मुझे याद हो जाता था
वो जो तुम घर पहुंच कर हर रोज़ फ़ोन करतीं थीं
वो जो तुम देर रात तक मेरी खबर लिया करतीं थीं
वो जो तुम बताती थीं कि ज़िन्दगी कितनी कठिन है
वो जो उस ज़िन्दगी में तुम मुझे अपना बतातीं थीं

सच बताऊँ...

तो मुझे अपनी ज़िंदगी का सबकुछ उन्हीं पलों में मिल गया था
वो ढाई साल जिनमें तुम मेरी थीं, उनमें अब किसी और की नहीं हो सकतीं 
उन्हीं ढाई  साल के हर एक पल को धीरे धीरे रोज़ बिताता हूँ
ज़िन्दगी भी फुरसत दे और तुम्हारे अपने कभी तुम्हें इजाज़त दें
तो लौट कर इन्हीं ढाई  सालों में आ जाना, तुम गुलाबी सूट पहन के 
मैं काली शर्ट पहन कर तुम्हारा वहीं इंतज़ार करूँगा जहां हम कुछ कदम चले थे
क्योंकि एक वही समय है जहां मैं तुम्हारा हाथ पकड़ कर चल सकता हूँ बेफिक्र
क्योंकि 
कभी आना.... मैं वहीं मिलूंगा तुमको....

PraveeN