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सपनों का सच ढूंढने को नींदें छोड़ना पड़ा सुख की चा

सपनों का सच ढूंढने को
नींदें छोड़ना पड़ा
सुख की चाहत में ख़ुशियाँ 
बाँटना पड़ा
दौलत है या ज़रूरत ज़िंदगी की
यह जानने केलिए
वह लड़का था मगर उसे
घर छोड़ना पड़ा.

©Shiv Narayan Saxena
  घर छोड़ना पड़ा . . . . .

घर छोड़ना पड़ा . . . . . #Shayari

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