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बात उन दिनों की है जब रक्त दान के महत्व को लोग अच्

बात उन दिनों की है जब रक्त दान के महत्व को लोग अच्छे से नहीं  
समझते थे ,और रक्तदान करने से घबराते थे ।
हमारे काॅलेज में एक आदमी आया ,उसे अस्पताल वालों ने कहा होगा कि वहां जाकर कोई डोनर ढूंढने की कोशिश करो ।
बेचारा बदहवास सा गेट पर खड़े होकर मदद की गुहार लगा रहा था ,"कोई ओ पाजिटिव वाला मेरे साथ चल दो ,मेरी पत्नी को प्रसव पीड़ा हो रही है और उसका आपरेशन होना है ,प्लीज कोई तो चलो बहुत कृपा होगी "।
मगर हर कोई उसे इगनोर करके निकल रहा था। 
मैंने उसको सुना तो काफी लोगों को मैंने भी बोला मदद करने के लिए मगर,
 खून देने की बात पर हर कोई चुप्पी साध लेता ।
आखिरकार मैंने ही उसके साथ अस्पताल चलने का निर्णय किया, इमरजेन्सी इतनी थी कि मुझे सीधे ही लेबर रूम में ले गए जहां उस औरत का आपरेशन चल रहा था और एक बेड पर मैं लेट गई ,मेरे शरीर से सीधे खून उस माँ बच्चे की रगों में गया, वो मेरा पहला रक्तदान था ,डर मुझे भी लगा मगर एक इंसान की जिंदगी से कीमती कुछ नहीं होता। 
मैं एक यूनिट देकर बाहर आई तो वो आदमी मेरे लिए ढेरों फल और दूध, अंडे लिए खड़ा था । हाथ जोड़कर उसने कहा कि, 
"आज मेरी पत्नी और बच्चे सुरक्षित हैं तो आपकी सही समय पर मदद की वजह से।वैसे हम भगवान को भी तो भोग लगाते हैं, आपने मदद की आप भी भगवान जैसे हो ,प्लीज ये सब रख लो " ।
उसके शब्दों ने मुझे मुझे बहुत ऊपर बिठा दिया था ,"मैंने जो भी किया एक इंसानियत के नाते किया ,मैं यह सब नहीं रख सकती आप अपनी पत्नी को खिलाना सब हाँ एक सेब जरूर लूंगी " कहकर मुसकुराते हुए मैं वहां से चली गई,मगर तीन जिंदगियां बचाने के लिए मैंने जो रक्त दान किया उसकी वजह से मुझे बहुत खुशी महसूस हुई थी । जाने क्यों लोग आज भी रक्त दान की महत्ता को नहीं समझते  ,जाने कब हम अपनी जिम्मेदारी समझेंगे !!! #my_happiness #Kahaniya #storytelling #nojotoquotesforall #nojotowritersclub #nojotohindi #anshulathakur #truequotes #feelings #blood_donation
बात उन दिनों की है जब रक्त दान के महत्व को लोग अच्छे से नहीं  
समझते थे ,और रक्तदान करने से घबराते थे ।
हमारे काॅलेज में एक आदमी आया ,उसे अस्पताल वालों ने कहा होगा कि वहां जाकर कोई डोनर ढूंढने की कोशिश करो ।
बेचारा बदहवास सा गेट पर खड़े होकर मदद की गुहार लगा रहा था ,"कोई ओ पाजिटिव वाला मेरे साथ चल दो ,मेरी पत्नी को प्रसव पीड़ा हो रही है और उसका आपरेशन होना है ,प्लीज कोई तो चलो बहुत कृपा होगी "।
मगर हर कोई उसे इगनोर करके निकल रहा था। 
मैंने उसको सुना तो काफी लोगों को मैंने भी बोला मदद करने के लिए मगर,
 खून देने की बात पर हर कोई चुप्पी साध लेता ।
आखिरकार मैंने ही उसके साथ अस्पताल चलने का निर्णय किया, इमरजेन्सी इतनी थी कि मुझे सीधे ही लेबर रूम में ले गए जहां उस औरत का आपरेशन चल रहा था और एक बेड पर मैं लेट गई ,मेरे शरीर से सीधे खून उस माँ बच्चे की रगों में गया, वो मेरा पहला रक्तदान था ,डर मुझे भी लगा मगर एक इंसान की जिंदगी से कीमती कुछ नहीं होता। 
मैं एक यूनिट देकर बाहर आई तो वो आदमी मेरे लिए ढेरों फल और दूध, अंडे लिए खड़ा था । हाथ जोड़कर उसने कहा कि, 
"आज मेरी पत्नी और बच्चे सुरक्षित हैं तो आपकी सही समय पर मदद की वजह से।वैसे हम भगवान को भी तो भोग लगाते हैं, आपने मदद की आप भी भगवान जैसे हो ,प्लीज ये सब रख लो " ।
उसके शब्दों ने मुझे मुझे बहुत ऊपर बिठा दिया था ,"मैंने जो भी किया एक इंसानियत के नाते किया ,मैं यह सब नहीं रख सकती आप अपनी पत्नी को खिलाना सब हाँ एक सेब जरूर लूंगी " कहकर मुसकुराते हुए मैं वहां से चली गई,मगर तीन जिंदगियां बचाने के लिए मैंने जो रक्त दान किया उसकी वजह से मुझे बहुत खुशी महसूस हुई थी । जाने क्यों लोग आज भी रक्त दान की महत्ता को नहीं समझते  ,जाने कब हम अपनी जिम्मेदारी समझेंगे !!! #my_happiness #Kahaniya #storytelling #nojotoquotesforall #nojotowritersclub #nojotohindi #anshulathakur #truequotes #feelings #blood_donation