बनाना है अगर *महफ़ूज़* मुस्तक़बिल तो सोचो मत ना गुज़रा वक़्त लौटा है *ना लौटी फ़िर जवानी है* *महफ़ूज़ आज़मी* बनाना है अगर *महफ़ूज़* मुस्तक़बिल तो सोचो मत ना गुज़रा वक़्त लौटा है *ना लौटी फ़िर जवानी है* *महफ़ूज़ आज़मी*