जीवन का एक-एक क्षण बहुमूल्य है पर लोग उसे वासना और तृष्णाओं के बदले कौड़ी मोल में गँवाते रहते हैं। तुम्हारे पास जो एक वृक्ष बचा है उसी का सदुपयोग करलो तो कम नहीं। बहुत गंवाकर भी अन्त में यदि कोई मनुष्य सँभल जाता है तो वह भी बुद्धिमान ही माना जाता है। बुद्धिमान