White सपनो की ऐसे करो परवरिश की, तपिश में जले पर ये जलना न भूले। कदमों में भर दो वीर अंगद सा साहस, सफर रावण सा हो , पर ये चलना ना भूले। इन बाहों में इतनी तलफ़ पैदा कर दो, कटे सर भले गोरा लड़ना न भूले। एक उम्र तक जिस स्वप्न को नवाज रखा है, उस स्वप्न को इन आंखों का आइना बना लो। दिखे घाव कितने, हो शिकन लाख भले जब तो ना सच हो, मन वो सपना न भूले।। ©Vishwas Pradhan #MyPoetry #hindi_poetry #motivate #diary #Self