आज भी तुझे याद करते हैं तेरी मोहब्बत की बातें करते हैं दूरियां बढ़ गई तो क्या हुआ आज भी हम अकेले चांद तारों से तेरी ही खुशी की बातें करते हैं ।। आँखों के तारे ।। देखते थे मिल कर हम साथ जो ढलता सूरज और हँसते तारे, वक़्त बदला, दुनिया बदली, बदले मोहब्बत वाले सारे नज़ारे। कैसे इतनी नफ़रत हो गई उनको, आ पहुँची बात यहाँ तक, एक आँख न भाते अब तो, जिनके थे हम कभी आँखों के तारे! © Sasmita Nayak