We remain silent when we किसी को फिर से एक सपना है, कुछ घाव। मैं सोच रहा था कि वह बेवकूफ है, मेरी याददाश्त से अलग हो गया यहाँ सुगंधों की महक, न तुम, न मैं। जिस चुंबन पर गर्व था, वह न तो तुम्हारा था और न ही मृत। इसे कहें क्योंकि आप मजबूत हैं, आपको अपनी विरासत पर गर्व है। जज मिलरी, उसे लूट लिया जाता है, उसे दिया जाता है, वह बूढ़ी हो गई है। वे लाल सुर्खियाँ मेरी निराशा का बयान थीं तेरा कारवां नहीं पढ़ा, मेरी लोमड़ी लिखी गई वे सपने मेरे दिमाग में थे, न मैं, न मैं लिख सकता था। कि तुमने कलम को पा लिया, कि तुम कट गए, कि कलम मिल गई, ताकि तुम बच जाओ। नासिर बशीर अहमद गुर्जर #Silent Lakshmi singh