ना खुद की फ़िक्र,ना परिवार की चिंता छोड़ रस्मों-रिवाजों को,नहीं की मान की चिंता। चूम लिया फांसी का फंदा,नहीं की जान की चिंता। वार कर अपनी सब खुशियाँ,सदा की मुल्क की चिंता। ©Amar'Arman' Baghauli hardoi UP #shaheeddiwas #IndiasGotTalent #amararman #lakshyaarman#chitralekhaekmuqaddaspremkahani #chitralekhaekmuqaddaspremkahani