विद्यालय मेरा मन का मंदिर,पाठशाला जिंदगी का अध्याय, अध्यापक मंदिर का देवता, जिन्होंने शिष्टाचार का पाठ पढ़ाया। धन्य है वह शिक्षा जिसने कलम चलाना सिखाई, जान है वह मेरे मां-बाप, जिन्होंने,जग में, मुझे पहचान दिलाई। 🎀🎀 नमस्ते दोस्तों ! 🎀🎀 💝 प्रतियोगिता - ४३ 💝 शीर्षक दिया गया है उसी के अनुसार ही लिखें । 💝 मात्र चार पंक्तियां में अपनी रचना को लिखें ! 4 पंक्तियां से कम या फिर ज्यादा लिखने वाले प्रतियोगिता को इस कंपटीशन मैं एक हिस्सा बनाया नहीं जाएगा ।